जम्मू कश्मीर पुलिस ने आज एक बड़ी सफलता में पुंछ जिले के एक स्कूल में तैनात हेडमास्टर को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया जाए। गिरफ्तार किया है! कुमाद उद्दीन नाम का ये हेडमास्टर पुंछ जिले के एक स्कूल में एक सरकारी स्कूल में तैनात है !
शिक्षा विभाग के अध्यापकों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की कड़ी में यह एक और गिरफ्तारी है! पिछले दिनों सरकार ने उन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ़ एक मुहिम शुरू की जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं ! इस मुहिम में सबसे हैरान और चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि शिक्षा विभाग के कई अध्यापक आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं !
आज गिरफ्तार किया गया हेडमास्टर कोई अकेला ऐसा केस नहीं है इससे पहले भी कई सरकारी अध्यापकों को आतंकवादी गतिविधि गतिविधियों में शामिल होने के आरोप गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले इसी साल मार्च में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक नार्को टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, जिसे कश्मीर घाटी के करनाह इलाके में एक सरकारी शिक्षक चला रहा था।
सरकारी सरकारी अध्यापकों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण सरकार की कार्यशैली पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है! ये माना जा रहा है कि पिछले लगभग 30 सालों मे पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों ने एक सोंची समझी साजिश के तहत अपने समर्थकों और सक्रिय उग्रवादियों को सरकारी विभागों में नियुक्त करवाया है! पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी आकाओं ने सक्रिय आतंकवादियों को सरकारी विभागों को खासतौर पर शिक्षा विभाग में नियुक्त करवाकर। उनको आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने के दिशा निर्देश जारी किए हैं!
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुपवाड़ा जिले के करनाह इलाके में सक्रिय एक नार्को-आतंकवादी मॉड्यूल को नष्ट कर दिया! इस सीमा पार मॉड्यूल के पीछे का मास्टरमाइंड खुर्शीद अहमद राथर नाम का एक सरकारी कर्मचारी था, जो दिवंगत मोहम्मद यूसुफ राथर का बेटा था और गबरा, करनाह का निवासी था। उनकी भूमिका में पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) स्थित आतंकवादियों द्वारा सीमा पार से तस्करी किए गए हथियार और ड्रग्स इकट्ठा करना शामिल था!
नवंबर 2023 की एक अन्य घटना में, पुलिस ने पुंछ जिले में एक सरकारी शिक्षक सहित तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। यह आतंकी मॉड्यूल, एक ही सरकारी शिक्षक की देखरेख में, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार स्थित आतंकी आकाओं के निर्देशों के तहत संचालित होता था!
फरवरी 2023 में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक सरकारी शिक्षक आरिफ़ अहमद को पकड़ा, जो आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय भागीदार बन गया था! उसका जुड़ाव कुख्यात लश्कर-ए-तैयबा समूह से था और वह जम्मू शहर में दोहरे विस्फोटों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार था!
ये मामले शैक्षणिक और प्रशासनिक संस्थानों के भीतर आतंकी नेटवर्क की घुसपैठ को रोकने के लिए सतर्कता और गहन जांच की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करते हैं!
इस साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुपवाड़ा जिले के करनाह इलाके में एक नार्को-आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. सरकार की पहचान गबरा, करनाह निवासी दिवंगत मोहम्मद यूसुफ राथर के बेटे खुर्शीद अहमद राथर के रूप में की गई, जो इस सीमा पार मॉड्यूल का नेतृत्व कर रहा था!
यह सरकारी शिक्षक पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) स्थित दो आतंकवादियों द्वारा सीमा पार से तस्करी किए गए हथियारों और दवाओं को इकट्ठा करने में मास्टरमाइंड था!
इससे पहले नवंबर 2023 में पुलिस ने पुंछ जिले में एक सरकारी शिक्षक सहित तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था!
आतंकी मॉड्यूल- सरकारी शिक्षक की निगरानी में, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार बैठे आतंकी आकाओं के निर्देश पर काम कर रहा था!
आरिफ अहमद, जो शुरू में एक सरकारी शिक्षक के रूप में कार्यरत था, लश्कर-ए-तैयबा समूह से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय भागीदार बन गया था! वह रियासी के निवासी कासिम और उसके चाचा कमरदीन के निर्देशों के तहत काम करता था, कमरदीन वर्तमान में पाकिस्तान में रहता है!
पुलिस की जांच में आरिफ की कई विस्फोटक घटनाओं में संलिप्तता का पता चला, जिसमें वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को ले जाने वाली बस को निशाना बनाकर किया गया हमला भी शामिल था!
रियासी जिले के रहने वाले आरिफ को जम्मू के नरवाल इलाके में हाल ही में हुए दोहरे विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप नौ लोग घायल हो गए थे!
पुलिस का दावा है कि आरिफ पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के निर्देशों के तहत काम कर रहा था। उसने कई बम विस्फोटों में अपनी भूमिका कबूल की है, जिसमें पिछले साल वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर घातक हमला, जिसमें चार लोगों की जान चली गई, फरवरी 2022 में जम्मू के शास्त्री नगर इलाके में एक आईईडी विस्फोट और 21 जनवरी को नरवाल में दोहरे विस्फोट शामिल हैं!