गांव ट्रिब्यून ब्यूरो

कठुआ—देश भर के राजपूत समाज के भीतर भारतीय जनता पार्टी को लेकर जारी नाराज़गी पार्टी को भारी पड़ सकती है। पार्टी में इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता है।विशेषकर पहले चरण पर इस नाराज़गी का असर होता दिखाई दे रहा है। पहले चरण में 19 अप्रैल को उधमपुर लोकसभा क्षेत्र सहित देश के कई इलाको में वोट डाले जाने हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा राजपूत समाज को लेकर दिए गए एक विवादित बयान के बाद से पूरे देश में राजपूत समाज के अंदर ज़बरदस्त गुस्सा है । इस बयान को लेकर राजपूत समाज अपने को आहत मान रहा है।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व गुजरात में टिकट वितरण को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी के प्रति पहले से ही राजपूत समाज के भीतर भारी गुस्सा था, मगर रुपाला के बयान ने ‘आग में घी’ का काम किया है।

जम्मू-कश्मीर में भी राजपूत समाज में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के बयान को लेकर नाराज़गी देखने को मिल रही है।कुछ दिन पहले युवा राजपूत सभा ने भी बयान को लेकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है और भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी है।

 

केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार पुरषोतम रूपल्ला द्वारा राजपूत महिलाओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों से नाराज युवा राजपूत सभा ने जम्मू में कुछ दिन पहले समुदाय से भाजपा के खिलाफ वोट देने को कहा।

युवा राजपूत सभा के नेता जम्मू में एक प्रेस वार्ता को सबोधित करते हुए ! इस प्रेस वार्ता में युवा राजपूत सभा के नेताओं ने भाजपा के बहिष्कार की घोषणा की थी.

युवा राजपूत सभा के संरक्षक राजिंदर सिंह ने वाईआरएस कोर कमेटी के सदस्यों राजेश सिंह, रणजीत सिंह के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि  राजपूत महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जा सकती और पूरा समुदाय इस तरह के प्रयासों के विरोध में एकजुट है।

राजपूत बिरादरी के लोग गुजरात में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए [फोटो क्रेडिट सोशल मीडिया]
युवा राजपूत सभा के  नेताओं ने ऐसे शरारती लोगों को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर हमला किया, जो एक विशेष समुदाय की महिलाओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करके समाज को विभाजित कर रहे हैं।
राजिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की कि वे रूपल्ला को तुरंत पार्टी से निकालें अन्यथा राजपूत समुदाय पार्टी के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के हर कोने में विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान समुदाय ने भी बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने हजारों योद्धाओं का बलिदान दिया और कभी अंग्रेजों के सामने नहीं झुके। उन्होंने दावा किया, हमारे पास हमारे डोगरा शासकों का उदाहरण है जो बहादुरी से लड़े और कोई भी अंग्रेज हमारे शासक द्वारा खींची गई सीमाओं के अंदर अपना कदम नहीं रख सका।

 

 

राजपूत समाज की नाराज़गी का असर साफ़ तौर पर उधमपुर लोकसभा सीट पर हो रहे चुनाव पर दिखता दिखाई दे रहे है।पहले चरण में इस सीट पर मतदान होना है लेकिन अभी तक नाराज़गी कम होती दिखाई नहीं दे रही।उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे!

गौरतलब है कि उधमपुर लोकसभा सीट पर इस बार तमाम समीकरण गड़बड़ाए हुए हैं ।कांग्रेस द्वारा चौधरी लाल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाए जाने से उधमपुर सीट पर एकाएक मुकाबला कड़ा हो गया है।राजनीतिक पंडित भी मानते हैं कि चौधरी लाल सिंह भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार डॉ जितेंद्र सिंह को सख्त मुकाबला दे रहे हैं और संसद वापसी की उनकी राह अब आसान नहीं रह गई है।

 

कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी लाल सिंह लगातार डॉ जितेंद्र सिंह को ज़बरदस्त चुनौती दे रहे हैं। जिस तरह से चौधरी लाल सिंह की सभाओं में लोग उमड़ रहे हैं उससे डॉ जितेंद्र सिंह की परेशानी बढ़ी है।
इन परिस्थितियों में राजपूत समाज की नाराज़गी निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ा ही रही हैं।

ब्राह्मण समाज भी है नाराज़
राजपूत समाज के साथ-साथ ब्राह्मण समाज के भीतर भी भारतीय जनता पार्टी को लेकर पहले से ही गुस्सा है। टोल प्लाज़ा को लेकर हुए आंदोलन में जिस तरह से कुछ लोगों ने ब्राह्मण बिरादरी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी उसे लेकर अभी तक ब्राह्मण समाज आहत है। ब्राह्मण समाज में इस बात को लेकर भी नाराज़गी है कि जिन लोगों ने ब्राह्मणों को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था उन्हें भारतीय जनता पार्टी के एक नेता का ‘आशिर्वाद’ हासिल है। यह नेता नेशनल कांफ्रेंस छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में आए हैं।समाज का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी को इस नेता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here