बारामुल्ला लोकसभा के हंदवाड़ा और लंगेट विधानसभा क्षेत्रों में बंपर मतदान ने नेशनल कॉन्फ्रेंस नेतृत्व के लिए चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पार्टी के उम्मीदवार हैं।
हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन का गृहनगर है और लंगेट इंजीनियर रसीद का विधानसभा क्षेत्र है, जिन्होंने इस सीट पर लगातार दो चुनाव जीते हैं।
हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 72 प्रतिशत मतदान हुआ, जो बारामुल्ला लोकसभा सीट के सभी 18 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक है। बारामुल्ला के बाद लंगेट एक और विधानसभा क्षेत्र है, जहां 66 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।
हालांकि सार्वजनिक तौर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेतृत्व बहादुरी का परिचय दे रहा है और दावा कर रहा है कि उमर अब्दुल्ला विजयी होंगे, लेकिन निजी तौर पर पार्टी के कई नेताओं ने माना कि मुकाबला काफी कड़ा है। नाम न बताने की शर्त पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ नेताओं ने माना कि चुनावी जंग में इंजीनियर राशिद के उतरने से खेल खराब हो गया है, अन्यथा मुकाबला उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन के बीच ही होता।
इसके अलावा मतदान से दो दिन पहले गुलाम नबी आज़ाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी ने भी इंजीनियर रशीद को समर्थन देने की घोषणा की। गुलाम नबी आज़ाद के इंजीनियर रशीद को समर्थन देने के फ़ैसले ने कई लोगों को चौंकाया, लेकिन इससे इंजीनियर रशीद के समर्थकों का मनोबल बढ़ा।
उरी विधानसभा क्षेत्र में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ताज मोहिउद्दीन का मज़बूत आधार है और हो सकता है कि उन्होंने इंजीनियर रशीद के पक्ष में अपने वोट ट्रांसफर किए हों।
बारामुल्ला लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रवार मतदान प्रतिशत
करनाह 61.87 %
त्रेहगाम 62.56 %
कुपवाड़ा 60.29 %
लोलाब 58.00%
हंदवाड़ा 72.00 %
लंगेट 66.05 %
सोपोर 44.36 %
रफियाबाद 57.39 %
उरी 62.92 %
बारामुल्ला 52.15 %
गुलमर्ग 59.52 %
वागूरा-करीरी 49.79 %
पट्टन 60.01 %
सोनावारी 64.73 %
बांदीपुर 60.24 %
गुरेज़ 40.82 %
बीरवाह 58.80 %
बडगाम 52.00 %
कुल (लगभग) 59 %
और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सीट पर पीडीपी की भूमिका भी बहुत रहस्यमयी रही। शुरुआत में पीडीपी ने इस सीट पर आक्रामक अभियान चलाया, लेकिन बाद में पार्टी के नेता सफाई देते नज़र आए कि वे इंजीनियर रशीद का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
बारामूला लोकसभा सीट पर पीडीपी की पकड़ इसलिए मजबूत है क्योंकि 2014 में पार्टी ने इस संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी, जब पार्टी के दिग्गज मुजफ्फर हुसैन बेग ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के तत्कालीन लोकसभा सांसद शरीफ-उद-दीन शरीक को हराया था।
2014 में बारामूला संसदीय क्षेत्र में कुल 11,90, 766 मतदाता थे। इन कुल मतदाताओं में से 4, 65, 992 ने वोट डाले थे। इस सीट से जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार मुजफ्फर हुसैन बेग जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 175277 वोट मिले। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार शरीफ-उद-दीन शरीक कुल 146058 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वे 29219 वोटों से हार गए थे। 2019 के लोकसभा में कश्मीर घाटी में पीडीपी विरोधी लहर थी, लेकिन उस लहर के बावजूद तत्कालीन पीडीपी उम्मीदवार अब्दुल कयूम वानी ने 53,000 से अधिक वोट हासिल किए थे।
29 अप्रैल को जेल में बंद अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के नेता और पूर्व विधायक इंजीनियर राशिद ने उत्तरी कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था।
2019 में इंजीनियर राशिद ने इसी बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें 1.01 लाख वोट मिले थे, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विजेता मोहम्मद अकबर लोन से मात्र 31,192 वोटों से पीछे थे और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के उम्मीदवार से केवल 827 वोट पीछे थे।
अगस्त 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग के एक मामले में राशिद को गिरफ्तार किया था।
5 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य का दर्जा खत्म करने के तुरंत बाद गिरफ्तारी हुई। तब से राशिद दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं.
बारामुल्ला लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत का इतिहास
2019 37.41
2014 38.96
2009 41.84
2004 35.65
1999 27.79
1998 41.94
1996 46.65
1991 अशांति के कारण चुनाव नहीं हुए
1989 5.48
1984 61.09
1980 56.02
1977 56.97
1971 50.62
1967 51.35